संदेश

विजयदशमी अमृतसर रेल दुर्घटना - जलियावाला बाग़ - भाग २

चित्र
जलियावाला बाग़  - भाग २  १९ अक्टूबर 2018, विजयदशमी के दिन जलियाबाले बाग़ की याद दिला दी, ऐसी दर्दनाक हादसा जिसे आज़ाद भारत मे भूलना शायद मुश्किल हो | ये लोगों की मौत कोई हादसा नहीं है, यह प्रसाशन और  उसकी निक्कमी संस्था  की नाकामी है | राजनेता आपस मे लड़ने में तो पूरा ध्यान देते है लेकिन ऐसे सामूहिक आयोजन पर प्रशासन कैसे अपने आँखोंमूंद कर ऐसे आयोजनों को बिना अनुमति के आयोजकों के भरोसे पे लोगों की सुरक्षा को छोड़ देना ये बात यह दर्शाती है की प्रशासन लोगों की सुरक्षा को ले कर कितना कितना संवेदनशील है | बेहद दुखद: घटना | शासन -प्रशासन को इस घटना से सबक लेना होगा और ऐसी घटना न हो इसके लिए ऐसी व्यवस्था बनाना होगा की फिर कभी ऐसी घटना न दोहराई जाये | अभी तक सूचना मिलने तक ६० से ज्यादा लोगों की मौत  हो  चुकी है | सवाल कई है लेकिन जवाब देने के लिए कोई नहीं है |  जैसे की आयोजकों ने कैसे किसी रेल लाइन के पास रामलीला का आयोजन कर लिया उन्होंने लोगों की सुरक्षा के बारे में नहीं सोचा। 

हिंदी भाषियों का पलायन

चित्र
हिंदी भाषियों का पलायन: हिंदुस्तान में अब हिंदी भाषियों के लिए शायद अब बेगाना हो रहा है, हिंदी भाषियों पर हो रहे लगातार हमले से तो ऐसा ही लगता है | राजनैतिक इच्छा शक्ति की कमी का खामयाजा हमेशा जनता को ही भुगतना पड़ता है | चाहे वो पुर्वति या वर्तमान  की सरकार हो, आखिर कबतक आम और गरीब जनता इनका शिकार बनती रहेगी | राजठाकरे की पार्टी MNS ने  जब २००८ में  हिंदी भाषियों पर हमला किया था, तो कांग्रेस ने कुछ नहीं किया और अब बीजेपी ने |  सरकारे बदल जाती है लेकिन कमजोर और गरीबों का शोषण करना नहीं रुकता | राजठाकरे और अल्पेश के संरक्षण में सरकारे जी-जान लगा देती है, पर जनता की कोई खबर लेने वाला नहीं सिर्फ राजनीती उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए ही उन्हें याद किया जाता है |  जिन हिंदी भाषियों को आज वहाँ से भगाया जा रहा है, वो ये कैसे भुलजाते है उनके राज्य के विकास और तरक्की में उनका अहम् योगदान है | आज वो सभी राज्य जो विकास में सभी राज्यों से आगे है वो इन हिंदी भाषियों की वजह से ही है | ऐसे राज्य जो आज आराम से दो वक्त की रोटी खा पा रहे है उसमे हिंदी भाषियों  का अहम् योगदान है |  मुंबई की कमाई का मुख

माइकल जैकसन आज दुनिया में नहीं रहे,michael-jackson

चित्र
माइकल जैकसन आज दुनिया में नहीं रहे ,लेकिन आज उनकी जीवनी से हमें विदेसी जमीन में हो रहे भेदभाव का पता चलता है जब माइकल जैकसन अपने गानों और डांस से विश्व विख्यात हो रहे थे तो उनके साथ जरुर कुछ ऐसा वाक्या हुआ जिससे उन्हें अपने मूल रूप को छोड़ हमेसा के लिए एक काल्पनिक सूरत को अपनाना पड़ा जरा सोचिये तोउनके साथ ऐसा क्या हुआ होगा जिससे उनको इतना कठिन फैसला लेना पड़ा किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे अहम उसकी पहचान होती है और इसी कुंठा के कारण ही शायद उनमे कुछ बदलाव आ गया होगा जिससे वे विवादों में फस गए होगे, यहाँ तक की वे अपने बच्चो को अपने काले रंग में नहीं देखना चाहते थे हम समझते थे की विदेशों में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होता होगा , लेकिन उन देशो के विकाश शील देशो की सूचि में सामिल होने का क्या मतलब जब उनके नागरिक ही अपने आप में शालीनता और एक दुसरे की प्रति सम्मान की भावना न हो आज हमारे देश में बहुत सी ऐसी कुरीतिया है जिन्हें हमने धीरे-२ अपने बीच से निकल फेका है और भी कुरीतिया है जिन्हें हम सब मिल के हटा फेकेगे दुसरो को नैतिकता का पाठ पड़ने वाले देशो पहले अपने देश में देखो ,पुरे विश्व में राज

मेरी फोटो,इंडियन ,कानपूर, माय फोटो

चित्र

राजठाकरे होसमें आओ

चित्र
मुंबई कर के नाम पे जो राजनीत इनके पुरखो ने चलाई उन्ही के कदम पर आज मिस्टर राज ठाकरे चल रहे है और मुंबईकर इनकी बातो में फशता जा रहा है वो शोचता है की देश से बड़ा होता है जब की देश पहले आता है अतः पहले जय हिंद बोलो फ़िर जय महा राष्ट होता है आए दिन गुंडा गर्दी करना तो मनसे की आदत बन गई है मनसे ने अपनी सेना में शहर के गुन्डो के भरती करली है जो पुरे महारास्ट के जिन्दगी हराम कर दिया है अगर मनसे इतनी तेज काम लोगो की मदत करने में और सभी को अपने कर्तव्य का एह्सश करता जागरूक करता तो एक नया शहर बनता लेकिन इन्हे तो बनी बनाई रोटी खाने की आदत है चाहे कोई मरे या जिए इन्हे इससे क्या मुबैकर मरता है तो मरे मनसे उसमे पेट्रोल छिड़क देगा महारास्त्र जलता है तो जले इनके घर तो सुरछित है लेकिन कबतक जब हिन्दुस्तानी जागेगा तो ऐसे नेताओ को हर हिन्दुस्तानी रोड में दौड़ा -दौड़ा कर मारे जाएगे मुझे उसदिन का इन्तजार है

बिहार में ट्रेन को जलाया गया

चित्र
बिहार में ट्रेन को जलाया गया अब तो ट्रेन जलानेका इंडिया में रिवाज हो गया है कुछ भी हो चलो ट्रेन फुक दो एक समय ये भी आएगा जब पड़ोसी से झगडा होगा तो ट्रेन फुक देगा ट्रेन की सुरछाएक सुस्त फौज को दे कर बहुत बड़ा नुकसान झेल रही है भारतीये रेल आर .पि ऍफ़ .केवल यात्रियों को परेसान करने और पैसे उगाने में तेज फुर्ती दिखाती है अगर रेल की सुरछा ऐसे ही चलती रही तो ट्रेन एक बहुत बड़े घाटे में चला जाएगा आतकवादियों का सॉफ्ट निशाना भारतीये रेल ही होने वाला है

जागो हिंदुस्तान ,अहिन्षा

चित्र
आज देश में विरोध की जगह हिंसा ने लेली है जब भी देश में कोई विवाद अथवा प्रदर्शन होती है तो करोडो रुपएकी सम्पति को नुकसान पहुचाया जाता है चाहे वो किसी बंद के दौरान हो अथवा किसी हिंसक प्रदर्शन के दौरान सरकारी व गैरसरकारी सम्पति को नुकसान पहुचाना चाहे वो हरियाणा ,पंजाब में हुआ हिंसक प्रदर्शन हो हम अपने देश की सम्पति को नुकसान पंहुचा रहे है और फिर हम कहते है की सरकार हमारे प्रदेश को नही देख रही है यहाँ का विकाश नही हुआ है ,को रोना रोते है अपितु जिसके बारे में आवाज उठा रहे है वो गलत नही है अन्याय के खलाफ आवाज उठाए लेकिन देश की सम्पति का नुकसान भी न पहुचे